अध्याय 1, श्लोक 18, वीरों की गूंजती घोषणा
अध्याय 1, श्लोक 18, वीरों की गूंजती घोषणा Bhagavad Gita श्लोक 18 द्रुपदो द्रौपदेयाश्च सर्वशःपृथिवीपते। सौभद्रश्च महारथाः॥ अनुवाद:हे पृथ्वी के स्वामी (राजन्)! राजा द्रुपद, द्रौपदी के पुत्र और अभिमन्यु (सौभद्र) ने भी, अपने-अपने बलवान भुजाओं से अलग-अलग शंख बजाए। शब्दार्थ:द्रुपदः – राजा द्रुपदद्रौपदेयाः – द्रौपदी के पुत्रसर्वशः – सभीपृथिवीपते: – हे पृथ्वी के स्वामी (धृतराष्ट्र)सौभद्रः – […]